88 शादियां 64 तलाक
विवाह बंध्न एक भावनात्मक नाजुक बंध्न होता, लेकिन आपसी समझदारी के अभाव में जब दांपत्य संबंध् दरकने लगते हैं तो नौबत तलाक तक जा पहुंचती है। तलाक की पृष्ठभूमि में कई व्यक्तिगत, आर्थिक और सामाजिक कारण हो सकते हैं, किंतु आज आपको ऐसे महारथियों से मिलाने जा रहे हैं, जिन्होंने महज अपनी सनक की वजह से तलाक लिया। कुछ दिनों पूर्व नीस ;प्रफांसद्ध की 99 वर्षीय वृ( महिला ने अखबार में वैवाहिक विज्ञापन कॉलम में विज्ञापन छपवायाः जरूरत है अध्कि से 22 वर्षीय एक सुंदर, स्वस्थ और सलोने नौजवान की। मैं अब तक 64 तलाक ले चुकी हूं।
उड़ीसा के ओराली गांव का 62 वर्षीय उदयनाथ दखीराम अब तक 88 विवाह कर चुका है। उदयनाथ की 59 पत्नियां उसे विवाह के कुछ समय बाद ही तलाक दे चुकी हैं। 14 पत्नियांे की मौत हो गई और 10 उसे छोड़कर भाग गई।
प्राग के तीस वर्षी कार्ल लुन्माक ने शादी के सिपर्फ 90 मिनट बाद अपनी पत्नी से तलाक लेने की दरख्वास्त अदालत में दायर कर दी। उसने तलाक लेने का कारण बताया कि उसकी पत्नी विवाह के समय एक खूबसूरत नौजवान को टकटकी बांध्े घूर रही थी। अदालत ने कार्ल की अर्जी मंजूर करते हुए उसे शादी से मुक्त कर दिया। सिडनी ;ऑस्ट्रेलियाद्ध के 40 वर्षीय पिफन हेरिस ने अदालत के सामने इंसापफ की गुहार करते हुए कहा कि उसकी पत्नी उसके कंध्े पर खड़े होकर लकड़ी से बेडरूम का पंखा घुमाती है। इससे उसे बहुत तकलीपफ होती है। न्यायालय ने हेरिस की पीड़ा को समझते हुए उसका तलाक की अर्जी स्वीकार कर ली।
न्यूयॉर्क की एक महिला ने अपने शौहर को इसलिए तलाक दे दिया कि उसके पति ने अपने पालतू तोते को रटा रखा थाµफ्भूतनी जल्दी उठ।य्
जूझोनाईता नार्वे की रहने वाली एक चालीस वर्षीय महिला है। उसने अपने पति को उसके गंजेपन के आधर पर तलाक दे दिया। उसने अदालत में कहा कि शादी के समय उसका पति गंजा नहीं था। पति ने भी अदालत में दरख्वास्त की कि हमंे तलाक दे दिया जाए क्योंकि मैं अपनी पत्नी से तंग आ चुका हूं। वह मेरे गंजे सिर से बहुत चिढ़ती है तथा जब-तब मेरी गंजी खोपड़ी पर चपत लगाती रहती है। अदालत ने तलाक मंजूर कर लिया।
लॉस एंजेलिस की एक अदालत ने एलविन आकमेन की तलाक की अर्जी इसलिए स्वीकार कर ली क्योंकि उसके लेखक पति ने अपनी पुस्तक ‘आत्महत्या के सैकड़ों तरीके’ की भूमिका में लिखा था कि इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा उसे अपनी पत्नी से मिली है। लॉस एंजेलिस में 31 अगस्त 1985 को एक बहुत ही मंहगा तलाक हुआ। अमेरिका के सर्वाध्कि मशहूर टीवी स्टार जेमिनी केरसन ने अपनी पत्नी को तलाक दिया। उसकी एवज में उसने अपनी पत्नी को 22 लाख डॉलर नकद, तीन माकन, दो कारें तथा स्टॉक के आध्े शेयर अदा किए।
दरवाजा के बाहर बैठो
मध्य अप्रफीका के कबीलों में तलाक के लिए बड़ा विचित्रा तरीका प्रचलित है। यादि किसी को पत्नी से तलाक लेना होता है तो वह उसके अपने दरवाजे से बाहर बिठा देता है। एक निश्चित समयावध् िके बाद उनमें तलाक मान लिया जाता है।
साइबेरिया में किसी भी व्यक्ति को पत्नी से तलाक लेने के लिए एक सर्वाध्कि समारोह में पत्नी के चेहरे का नकाब पफाड़ना होता है। मध्य-पूर्व अप्रफीका में यदि पति पत्नी की मांग पर उसे नए वस्त्रा सिलवा कर न दे तो वह तलाक मांग सकती है।
मलाया के सुदूर जंगली इलाकों में रहने वाले कबीलों की एक अत्यंत अश्लील परंपरा प्रचलित है। यदि किसी व्यक्ति को अपनी पत्नी को तलाक देना है तो वह पूरे कबीले के लोगों को इकट्ठा करके दावत देता है। इस दावत के दौरान लोग नाचते-गाते हैं। इस समारोह पति सार्वजनिक रूप से पत्नी को निर्वस्त्रा कर देता है। समारोह के दौरान वह स्त्राी नग्न रहती है। इस बीच यदि कोई अन्य युवक उससे शादी करने को इच्छुक हो तो वह उसे वस्त्रा देता है।
डाइवोर्स चाहिए, भाला पफेंको
अमेरिका में रेड इंडियन कबीलों में विवाह के वक्त लकड़ियों का एक छोटा-सा गट्ठर नवविवाहित युगल को दिया जाता है, जिसे वे अपने सुखद वैवाहिक जीवन के प्रतीक के रूप में संभाल कर रखते हैं, लेकिन जब उस गट्ठर की लकड़ियों को तोड़ दिया जाता है तो इसे विवाह विच्छेद के रूप में माना जाता है।
ऑस्ट्रेलिया के कुछ कबीलों में तलाक प्राप्त करने की शर्त के रूप में पति को निशानेबाजी की परीक्षा देनी होती है। यदि पत्नी पति से तलाक लेना चाहती है तो उसे एक वृक्ष के सहारे खड़ा कर दिया जाता है। पति उससे चालीस कदम दूरी पर खड़ा होकर उसकी ओर भाला पफेंकता है। पत्नी को अपने बचाव में इध्र-उध्र हटने का अध्किार होता है, किंतु वह भाग नहीं सकती। पति को दस मौके दिए जाते हैं। यदि इस दौरान भाला पत्नी को नहीं लगता है तो वह युवती अपने पति को छोड़कर अन्यत्रा विवाह करने के लिए स्वतंत्रा होती है।
बर्मा के शान कबीले में पत्नी को तलाक के संबंध् में पति से कहीं ज्यादा अध्किार प्राप्त हैं। यहां पत्नी अपने शराबी पति को घर से निकाल सकती है, उसकी संपत्ति हड़प सकती है। वह किसी अन्य व्यक्ति से विवाह करने के लिए भी स्वतंत्रा रहती है।
15 बच्चेµ इसे कहते हैं भरा पूरा परिवार
क्लॉडिना और डेविड की शादी 28 साल पहले हुई थी। उनके 15 बच्चे हैं। 8 लड़कियां और 7 लड़के। चार काम कर रहे हैं, तीन कॉलेज में हैं, 7 स्कूल में और आखिरी ने अभी जून में ही स्कूल जाना शुरू किया है। सबसे बड़ी सुजाना 26 की है और सबसे छोटी जूलिया 4 साल की। कोई भी जुड़वां नही है। सब नॉर्मल डिलीवरी से हुई हैं, स्वस्थ हैं।
डेविड 3 साल पहले बंगलूरू से मुंबई चले गए। वह नयापन चाहते थे और इसके लिए उन्हें अपने रहने की जगह बदलनी थी। वह सेंट जेवियर कॉलेज मुम्बई में लेक्चरर थे। क्लॉडिना वहां स्टूडेंट थीं। डेविड क्लॉडिना के भाई के भी दोस्त थे। वह भाई से मिलने घर आने लगे। ध्ीरे-ध्ीरे वह तब भी घर आने लगे जब क्लॉडिना का भाई घर पर नहीं होता था। दोनों में प्यार हुआ और पिफर 1985 में शादी। अगले ही साल बच्ची पैदा हो गई। इसके बाद एक के बाद एक कर 15 बच्चे हुए। हालांकि वह यह बताते बताते यह कहना नहीं भूलते कि दोनों का प्यार कभी कम नहीं हुआ। सभी बच्चे नॉर्मल डिलीवरी से हुए। अब क्लॉडिना जानती हैं कि मीनोपॉज की वजह से अब इन्हें और बच्चे नहीं होंगे।
इतने बच्चे क्यों?
इस सवाल का जवाब देते हुए डेविड कहते हैं कि बच्चे तो भगवान का तोहपफा होते हैं। उन्हें मना कैसे किया जा सकता है। उनका परिवार भी मानता है कि जितने ज्यादा बच्चे होंगे, उतना ही प्यार और हंसी बढ़ेगी। इसमें पसंद न करने जैसा क्या है। डेविड शिक्षा विशेषज्ञ हैं और उनकी पत्नी होममेकर बनने से पहले स्पीच थैरेपिस्ट थीं। यह परिवार दो किराए के फ्रलैटों मंे रहता है। दो बेडरूम का फ्रलैट लड़कियांे के लिए है और तीन बेडरूम का फ्रलैट लड़कों के लिए। बेड पफोल्ड हो जाते हैं जिससे स्पेस बचता है। कॉमन किचन, डाइनिंग हॉल और एक टेलिविजन लड़कियों वाले सेक्शन में है। दंपती सुबह 5 बजे उठता है। क्लॉडिना सबके लिए लंचबॉक्स पैक करती है। सब बच्चों का नहाने का टाइम बांट दिया गया है। घर के काम में बच्चे भी मां की मदद करते हैं।
बेबी एक, मदर तीन
केटी को अर्ली एज में ही पता चल गया था कि वह कभी भी मां नहीं बन सकती है। एक बार जब किसी समस्या के चलते वह अस्पताल गई तो जांच में पता चला कि उसे एक खास तरह की जेनेटिक प्रॉब्लम है, जिसकी वजह से उसका रिप्रोडक्टिव ऑर्गन प्रभावित हुआ है, और वह मां नहीं बन सकती। केटी किसी भी तरह पैरेंट्स बनना चाहते थे। 31 साल की केटी के जीवन में उस समय खुशी का कोई ठिकाना नहीं रह गया, जब उसकी छोटी बहन लूसी ने अपनी बड़ी बहन के लिए अपने एग्स देने का पफैसला किया। छोटी बहन ने अपने एग्स दिए तो केटी की बड़ी बहन जेमी ने सरोगेट मदर बनना तय किया। अपनी बहनों की हेल्प से आज केटी मां बन गई है।
ब्रिटेन के एसेक्स में रहने वाले हस्बैंड-वाइपफ डेविड और कैटी का कहना है कि वे कापफी निराश हो जाते थे, जब अपने बेबी के बारे में सोचते थे। अचानक केटी को याद आया कि जब उसे बताया गया था कि वह मां नही बन सकती तो उसकी छोटी बहन लूसी ने उससे कुछ वादा किया था। दरअसल लूसी ने उसे अपने एग्स देने का वादा किया था। केटी ने लूसी को उसके वादे के बारे में याद दिलाया, तो वह तुरंत तैयार हो गई। लेकिन इसके बाद समस्या थी कि सरोगेसी के लिए कौन तैयार होगा। दरअसल लूसी व उसका बॉयप्रफैंड नहीं चाहते थे कि पहली प्रेग्नेंसी के बाद बेबी उनके पास न रहे। पिफलहाल यह समस्या दर हो गई, जब केटी की बड़ी बहन जेमी सरोगेसी के लिए तैयार हो गई। जेमी को पहले से तीन बच्चे हैं। लूसी के एग्स को डेविड के स्पर्म से पफर्टिलाइज किया गया, जिसके बाद उसे जेमी के भू्रण में रोपित किया गया। कुछ दिन के बाद जांच में पता चला कि जेमी के भ्रूण में बेबी का डेवलपमेंट कापफी अच्छे से हो रहा है। आज डेविड और केटी एक बेबी गर्ल के हैप्पी पफादर और मदर हैं। केटी का कहना है कि मेरी बहनों ने मुझे जो गिफ्रट दिया है, उससे शानदार कुछ नहीं हो सकता है। कहने को हम बेबी के पफादर और मदर हैं, लेकिन मेरा मानना है कि इस बेबी की तन मदर हैं।
दुनिया का सबसे छोटा टीचर, लंबाई 3 पफुट
आजाद सिंह की उम्र 22 साल हो चुकी है, लेकिन उसकी लंबाई महज 3 पफुट है। जब वह 5 साल का था, तभी उसकी लंबाई बढ़नी बंद हो गई। उसे एक खास तरह का जेनेटिक डिसआर्डर है, जिसकी वजह से उसकी लंबाई नहीं बढ़ी। स्कूल के दौरान साथी बच्चों द्वारा तमाम कमंेट और अन्य दिक्कतें झेलने के बाद भी आजाद ने अपनी पढ़ाई पूरी की। उसने कम्प्यूटर कोर्स में खास योग्यता बटोरी और आज कम्प्यूटर टीचर बन गया है। आजाद हरियाणा में गुड़गांव के एक स्कूल में बच्चों को कम्प्यूटर पढ़ाता है। वह आज दुनिया का सबसे कम कद वाला टीचर है।
आजाद सिंह के स्टूडेंट जो उससे उम्र में कापफी छोटे हैं, लंबाई में उससे उफंचे है। वह अपने स्टूडेंट के बीच सबसे नाटे कद का है। आजाद की लंबाई इतनी कम है कि उसे ब्लैक बोर्ड तक पहुंचने के लिए टेबल का सहारा लेना पड़ता है। आजाद कपडे़ भी बच्चों वाले ही पहनता है, जिसे बच्चे 6-7 साल की उम्र में पहनते हैं। आजाद का कहना है कि वह जब स्कूल में पढ़ता था तो अपने नाटे कद के लिए उसे साथी बच्चों से कापफी कुछ सुनना पड़ता था। उससे तो यहां तक कहा जाता था कि बचकर रहना, नहीं तो सर्कस वाले उठा कर ले जाएंगे।
इसके बावजूद उसने पढ़ लिख कर एक मुकाम हासिल किया। आजाद का कहना है कि वह खुश है कि आज वह खुद से कुछ कर सका। आजाद की मां का कहना है कि मेरे बेटे ने आखिरकार खुशियां पा ही लीं। वह आज टीचर है और बच्चों को कम्प्यूटर पढ़ाता है। आजाद की दो छोटी बहने हैं। 19 साल की एक बहन को भी वही डिसऑर्डर है, जो आजाद को है। 15 साल की दूसरी बहन उसकी स्कूल में पढ़ती है, जहा आजाद टीचर है।
116 वां सावन देखूंगी।
जापान की मिसाओ ओकावा ने हाल ही में अपना 115वां जन्मदिन मनाया गिनीज बुक ऑपफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें सबसे बुजुर्ग महिला का खिताब दिया है। खिताब लेने के बाद उन्होंने कहा कि अगले साल मैं 116वां सावन देखूंगी।
106 साल की उम्र में स्कूल चले हम
हौंसले बुलंद हों तो उम्र पर सब कुछ भारी पड़़ता है। जरा सोचिए, 106 साल की उम्र में व्यक्ति अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव में होता है। लेकिन अमेरिका में एक व्यक्ति ने 106 साल की उम्र में डिप्लोमा हासिल किया है। प्रफेड बटलर पांच बच्चों का पिता भी है। अमेरिकी मूल का यह व्यक्ति सेकण्ड वर्ल्ड वॉर में अमेरिकी सेना का हिस्सा रहने के साथ-साथ जल विभाग में भी काम कर चुका है। एक समय मां और अपने पांच भाई बहनों को संभालने के लिए उसने स्कूल छोड़ दिया था। लेकिन इस बात का हमेशा मलाल रहा। इस शख्स ने शिक्षा के महत्व को समझा और अपने बच्चों और पोता-पोती में पढ़ाई लिखाई को लेकर रुझान पैदा किया। मेसाचुसेट्स में प्रफेड बटलर को ऑनरेरी डिप्लोमा दिया गया।
तरबूज के साइज का पुखराज, कीमत 5 करोड़
दुनिया का सबसे पुखराज नीलामी के लिए तैयार है। 57500 कैरेट के इस पुखराज की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है। देखने में यह राशि रत्न एक तरबूज के साइज का है। इसकी नीलामी इसी हफ्रते ब्रिटेन में वेस्टर्न स्टार द्वारा की जाएगी। जितना बड़ा यह रत्न है उतनी ही बढ़ी इसकी कहानी भी है।
यह टेओडेरा नाम की रत्न ब्राजील में पाया गया। इंडिया में इसे तराशा गया। इसके बाद इसे रीगन रैनी जेम डीलर को दे दिया गया। रत्न विशेषज्ञ जैपफ नेचका का कहना है कि यह है तो पुखराज लेकिन इसमें कितना पफीसदी पुखराज यह देखना पड़ेगा।
चट्टान पीती है सिगरेट
सिगरेट न पीने की चेतावनी तो आपने सामने आया है। जी हां चीन में एक चट्टान का टुकड़ा मिनटों में पूरी सिगरेट खत्म कर देता है। इस चट्टान को देखकर लोग हैरान हो जाते हैं। यह चट्टान का टुकड़ा जिस कलेक्टर के पास है उसने इसे डिस्प्ले के लिए रखा है और चाव से लोगों को हैरान होन पर मजबूर करता है। चीन के पफजियान प्रांत के रहने वाले लाउफ योनशी को लगभग ढाई किलो की चट्टान का यह टुकड़ा शंग्यू पहाड़ों पर मिला था। चट्टान में छेद देख कर उसने खेल खेल में ही सिगरेट लगा दी। पिफर क्या था, अमूमन नेचुरली 6 मिनट में खत्म होने वाली सिगरेट 5 मिनट से भी कम समय में खत्म हो गई। कई बार ट्राई करने पर लाउफ को इस बात का भरोसा हो गया कि हो न हो यह चट्टान कुछ चमत्कार कर रही है और सिगरेट पी रही है। इस चट्टान की एक खास बात यह है कि यह दिखती भी है इंसान की शक्ल की तरह। इसे देखने वाले भी हैरान रह जाते हैं कि आखिर कोई चट्टान कैसे सिगरेट पी सकती है। अब देखना है चट्टानांे के लिए सिगरेट न पीने की एजवाइजरी कब जारी होती है।
तोते ने अपनी जान देकर निभाई वपफादारी
ब्रिटेन में एक तोते ने घर में आग लगने पर अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने मालिक की जान बचाई। जी हां, यह बात बिल्कुल सही है। अपने मालिक को बचाने में तोते को अपनी जान से हाथ धेना पड़ा। साउथ वेल्स के लानेली स्थित घर के बेडरूम में जब आग लगी थी तो तोते का मालिक बाथरूम में था। पहले तोते ने चिल्ला-चिल्ला कर मालिक को बताने की कोशिश, लेकिन मालिक बाथरूम में तोते की आवाज सुन नहीं सका तब तोता जान की परवाह किए बिना बेडरूम चला गया और जोर से चिल्लाकर उन्हें अलर्ट करने लगा, मालिक किसी तरह बचकर बाहर आ गया, लेकिन तोता समय पर बाहर नहीं निकल पाया और जलकर मर गया।
इंसान के पफेस वाला डॉगी?
आपने सुना ही होगा कि दुनिया में एक ही शक्ल के दो इंसान होते हैं, लेकिन यहां तो उल्टा हो गया। अमेरिकी प्रांत केंटुकी में इंसान से मिलती-जुलती शक्ल वाला यह डॉगी लोगों को कापफी पसंद है और इसका नाम टॉनिक रखा गया है। और तो और टॉनिक के लिए उसका होम स्वीट होम सर्च किया जा रहा है। टॉनिक को बचाने वाले एनिमल वेलपफेयर टीम के सदस्य ने कहा कि टॉनिक को देखने पर लगता है कि कोई स्वीट बॉय आपकी आंखों में झांक रहा हो। टॉनिक की स्वीट सी स्माइल अहसास दिलाती है कि वह एक इंसान है, न की डॉगी।
ग्रुप के सदस्य ने बताया कि टॉनिक बहुत शांत और समझदार है। टॉनिक को और कुत्तों के साथ रखा जाता है और उसकी पूरी देखभाल की जाती है। टॉनिक सबसे बहुत घुल-मिल गया है। पर टॉनिक सबको बहुत पसंद है। पसंद क्यों न हो वो स्पेशल जो है। बताया गया है कि टॉनिक की बॉडी में मेडिकल जांच के लिए एक माइव्रफोचिप डाल दी गई है। टॉनिक को गोद लेने की पफीस 250 डॉलर है और और मालिक को खुद ही इस डॉगी को लेने आना होगा। लगता है कि टॉनिक को जल्द ही अपना घर मिल जाएगा।
13 करोड़ कर दिए दान
चीन के बिजनेस मैन टाइकून वू रूईबाओ ने इतनी बड़ी ध्नराशि देकर एक रिकॉर्ड बनाया। जी हां ये बिल्कुल सही है। और तो और 5 डिब्बे भरकर सोना, पोर्श मर्सिडीज बेंज कंपनी और प्रॉपर्टी भी शामिल है। क्यों हैै न मजे की बात। इतना ही नहीं, वू ने अपनी प्यारी बेटी के बैंक खाते में 17 करोड़ 72 लाख रु. और कंपनी के 50 लाख शेयर जमा कराए हैं। शेयरों की कीमत 88 करोड़ रुपए है, इस बात पर रिकॉर्ड तो बनता ही है। इतने दहेज के साथ-साथ तोहपफों की कसर भी नहीं छोड़ी वू ने। बेटी को तोहपफे में कुआंगजाउ स्थित रिटेल स्टोर, ओलिंपिक विला और वांडा मैंशन शामिल है। रूईबाओ की बेटी ने अपने बचपन के दोस्त जू से शादी की है।
जू एक सिविल सर्वेंट है। शादी का समारोह 8 दिन तक चल रहा है। एक सबसे बड़ी बात कि वू का दिल सबसे बड़ा है। बेटी की हैप्पी लाइपफ के लिए वू ने 13 करोड़ 28 लाख रुपए दान भी किए हैं। इससे सापफ पता चलता है कि बाप का दिल कितना बड़ा है।
एक पफैमिली 40 साल से चांद पर!
अगर हम कहें कि एक परिवार 40 साल से चांद पर है, तो आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन एक तरह से यह सच है। दरअसल, अंतरिक्ष यात्राी चार्ल्स ड्यूक ने 1972 में चांद की यात्रा के दौरान अपनी पत्नी और बच्चों की एक तस्वीर चांद पर छोड़ दी थी। इसके पीछे लिखा है, ध्रती से आए अंतरिक्ष यात्राी चार्ल्स ड्यूक के परिवार की तस्वीर। अब तो आप समझ गए न कि कैसे यह परिवार 40 साल से चांद पर मौजूद है।
चार्ल्स अपोलो 16 मिशन के दौरान चांद पर गए थे। पफैमिली पोर्टेट के साथ-साथ उन्होंने अपने पैरों के निशान भी चांद पर छोड़े थे। उन्होंने लून रोविंग वीकल से चांद के रहस्यों को करीब से जाना था। इस तस्वीर के बारे में प्रोजेक्ट अपोलो इमेज आर्काइव के दौरान जानकारी दी गई। अपोलो 16 युनाइटेड स्टेट अपोलो स्पेस प्रोग्राम का यह 10 मानव आधरित मिशन था। 23 अप्रैल को शुरू हुई इस यात्रा में कमांडर जॉन यंग के अलावा लूनर मॉड्यूल पायलेट चार्ल्स ड्यूक और कमांड मॉड्यूल पायलेट केन मेटिंगले शामिल थे। केनेडी स्पेस सेंट फ्रलोरेडा से 16 अप्रैल की लाँच हुए इस अंतरिक्ष यान का मिशन 11 दिन में पूरा हुआ था। 36 की उम्र में इस तरह की यात्रा में शामिल होने वाले चार्ल्स दसवें और सबसे कम उम्र के अंतरिक्ष यात्राी बन गए थे। इन लोगों ने चांद पर कुल तनी दिन बिताए थे। 95 किलाग्राम के सैंपल ये अपने साथ लाए थे।