Sunday, July 7, 2019

हैरतअंगेज हत्या - शीध्र प्रकाशित

काॅफी का कप उसके हाथ से छूटकर फर्श पर जा गिरा। मैंने हड़बड़ाकर उसकी तरफ देखा। उसके हाथों में हरकत हुई, एक हाथ से उसने अपना गला पकड़ लिया, दूसरा हाथ छाती से चिपक गया। पलक झपकते ही उसका चेहरा नीला पड़ गया। उसने कुछ कहने की कोशिश की मगर जुबान से एक शब्द भी नहीं निकला। उसकी आंखों की पुतलियां एकदम से स्थिर हो गईं। शरीर आगे को झुकने लगा।
मैं बौखला उठा, एकदम से समझ नहीं पाया कि उसे क्या हो गया था? काॅफी का कप बगल की खाली कुर्सी पर टिकाकर मैंने उसे थामने की कोशिश की तभी वो बड़े ही अस्वाभाविक मुद्रा में फर्श पर जा गिरी। कमर से नीचे का हिस्सा बाईं तरफ को घूमा हुआ था जबकि ऊपरी हिस्सा दाहिनी ओर को, उस पोजिशन में उसका खुला हुआ मुंह छत की ओर था। होंठों के कोरों से झाग निकलने लगा। आंखें खुली मगर पुतलियां एकदम स्थिर पड़ गई थीं। पलक झपकते ही उसका खूबसूरत चेहरा इतना डरावना लगने लगा, कि उधर देखने भर से मैं सिहर उठा था।

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