Thursday, August 10, 2017



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संतोष पाठक का नया उपन्यास
खतरनाक साजिश
सब-इंस्पेक्टर नरेश चैहान पर इल्जाम था कि उसने दो महिलाओं की बड़े ही बर्बरता पूर्ण ढंग से, गला घोंटकर! ना सिर्फ हत्या की थी, बल्कि हत्या से पहले उन्हें जमकर नोंचा-खसोटा भी था। उसके खिलाफ, सबसे ज्यादा डैमेज करने वाली बात ये थी कि गिरफ्तारी के वक्त वो एक ऐसी यूनीफाॅर्म पहने था जो मरने वाली दोनों महिलाओं के खून से रंगी हुई थी। जबकि पुलिस का दावा था कि उनके पास मुलजिम के खिलाफ सिक्केबंद सबूत थे, लिहाजा उसका जेल जाना महज वक्त की बात थी। ऐसे में सिर्फ एक शख्स था, जिसे पुलिस की राय से इत्तेफाक नहीं हुआ, और वो था फेमस प्राइवेट डिटेक्टिव विक्रांत गोखले।


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खतरनाक साजिश
आप सबूतों को पेश करते वक्त ये भूल गये कि मुलजिम पुलिस डिपार्टमेंट में ना सिर्फ एक काबिल अफसर है बल्कि अपनी दिमागी सूझ-बूझ से जाने कितने कत्ल के केस सुलझा चुका है। ऐसे में भला कैसे उससे उम्मीद की जा सकती है ना सिर्फ उसने दो औरतों की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी, बल्कि हत्या के बाद अपनी खून लगी वर्दी और जूतों से पीछा छुड़ाने की बजाय वो नशे में धुत्त होकर, अपने फ्लैट का दरवाजा खुला छोड़कर सो गया। यानि उसने पुलिस को निमंत्रण दिया था कि आओ मैं ही हत्यारा हूं आकर मुझे गिरफ्तार कर लो। 

विक्रांत गोखले उवाच!साहबान लड़कियों की एक खास आदत होती है। जब तक उन्हें लगता है कि उन्हें कोई भाव नहीं दे रहा तब तक वो सबको भाव देती हैं - अखबार वाले, दूध वाले, कैंटीन वाले, यहां तक कि गोलगप्पे वाले को भी नहीं छोड़तीं - मगर ज्योंहि उन्हें पता लगता है कि कोई उन्हें भाव देने लगा है तो बस वहीं से वो भाव देने की बजाय भाव खाना शुरू कर देती हैं।खतरनाक साजिशशीध्र प्रकाशित

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